उत्तराखंड में लगातार हो रहे भूस्खलनों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है। केंद्र ने ₹125 करोड़ की लागत से भूस्खलन न्यूनीकरण परियोजना को मंज़ूरी दी है। यह परियोजना राज्य के पाँच सबसे संवेदनशील स्थलों पर प्राथमिकता के आधार पर लागू की जाएगी, जहां भूस्खलन की घटनाएं बार-बार होती हैं।
परियोजना का उद्देश्य इन स्थलों पर वैज्ञानिक तरीके से स्थायित्व प्रदान करना, सुरक्षा के उपाय करना और भविष्य में जान-माल की हानि को रोकना है। इस परियोजना के अंतर्गत विशेष इंजीनियरिंग तकनीकों, रिटेनिंग वॉल्स, ड्रेनेज सुधार, और अर्ली वॉर्निंग सिस्टम जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं की जाएंगी।
मुख्य विशेषताएं:
- ₹125 करोड़ की कुल लागत
- 5 अति-भूस्खलन प्रवण स्थानों का चयन
- आधुनिक तकनीकों से दीर्घकालिक समाधान
- प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
राज्य सरकार ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और इससे हज़ारों लोगों को राहत मिलेगी।
उत्तराखंड सरकार और संबंधित एजेंसियां केंद्र के सहयोग से इस परियोजना को शीघ्रता से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।